इतिहास विशेष
*30 दिसम्बर 2016*
✍✍
*✳️अकबर✳️*
🔰🔰🔰
जलाल-उद-दीन मोहम्मद अकबर एक नाम, जो अपने आप में विरासत है, का जन्म राजा हुमायूँ और बेगम हमीदा बानो के हुआ, जब वे वर्ष 1542 में निर्वासन में रह रहे थे |अकबर की रुचि सभी युद्ध तकनीकों को सीखने में थी और वह पूरी तरह से पढ़ने और लिखने में उदासीन था | वास्तव में वह बिलकुल भी पढ़ा लिखा नहीं था फिर भी वह सभी चीजों के बारे में जानने का इच्छुक था | बैरम खान के मार्गदर्शन में जलाल को 13 वर्ष की बहुत ही छोटी आयु में शहँशाह अकबर के शीर्षक से नवाज़ा गया | बैरम खान सबसे वफ़ादार और योग्य सेना प्रमुख था जोकि शुरुआत में हुमायूँ के सेना में सेनापति था और उनकी मृत्यु के बाद, बैरम खान ने हेमू की बढ़ती हुई तानाशाही को समाप्त करने में अकबर की मदद की | बैरम की कमान में अकबर की सेना ने हेमू को 1556 AD में पानीपत के द्वितीय युद्ध में पराजित किया था |
*प्रशासन*
🔰🔰🔰
अकबर को बहुत सक्षम सत्तारूढ़ तकनीक के लिए जाना जाता था | वह जिससे भी वह मिलता था उससे ज्ञान एकत्र करना चाहता था | उनका अपनी प्रजा से विनम्रता से बात करने का तरीका उनकी सबसे प्रमुख विशेषता थी | अकबर अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध था परंतु वह रणनीतिक तरीके से निरपेक्ष भी था | इतनी विशाल भूमि और विभिन्न धर्मों के देश पर शासन उसने अपनी योग्यता के दम किया |
*अकबर के शासन में धर्म*
🔰🔰🔰🔰
अकबर कट्टर मुसलमान नहीं था बल्कि उसे सभी धर्मों के प्रति सहनशीलता के लिए जाना जाता था | इसी कारण वह लोगों के बीच प्रसिद्ध था |अकबर ने कई धर्मों में विवाह किए जिसके द्वारा वह एकता और एकजुटता का संदेश देता था |“सभी की एकता” में अपने विश्वास को मजबूत करने के लिए अकबर ने दीन-ए-इलाही के सिद्धांत का प्रतिपादन किया जिसके द्वारा उसने “सभी धर्म समान हैं” के सिद्धांत को फैलाया
*कला व संस्कृति*
🔰🔰🔰
एक समर्पित शासक होने के साथ अकबर कला और संस्कृति का महान संरक्षक था | वह कवियों व गायकों और कला से जुड़े लोगों के साथ का आनंद लिया करते था | इसके दिल्ली में और उसके आसपास के किले व महल, बेजोड़ कारीगरी की श्रेष्ठ कृतियाँ हैं | उनमे से कुछ हैं फ़तेहपुर सीकरी, इलाहाबाद का किला, और आगरा का किला इत्यादि | अकबर संगीत व कविताओं का महान अनुरागी था, इसका दरबार महान कलाकारों, विद्वानों, कवियों, और गायकों इत्यादि का अनूठा मिश्रण था जोकि अकबर व उसकी सभा मे उल्लास बनाए रखते थे | संस्कृति के लिए उसके इस प्यार ने उसके दरबार को नौ रत्नों से सुशोभित किया, जिन्होनें कला और ज्ञान के क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, वे निम्न हैं –
बीरबल (महेश दास) दरबार का विदूषकमियां तानसेन (तन्ना मिश्रा) दरबार का गायकअबुल फजल (काल गणक) जिसने अन –ए-अकबरी लिखीफैज़ी (दरबार का कवि )महाराजा मान सिंह (सेना सलाहाकार)फ़कीर अजीउद्दीन (सूफी गायक)मिर्ज़ा अज़ीज़ कोको (गुजरात का सूबेदार)टोडरमल (वित्तीय सलाहाकर)अब्दुल रहीम खान-ए-खाना (हिन्दी छन्दों के लेखक)
*अकबर के जीवन में अन्य विशेषताएँ*
🔰🔰🔰🔰
कुछ ओर प्रमुख आदतें जो लोगों को राहत देतीं थीं जिसके लिए अकबर को याद किया जाता था, वे हैं :
अकबर के शासन काल में जज़िया कर को समाप्त कर दिया गया |इसने पढे लिखे हिन्दू पंडितों को महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर नियुक्त किया |वह आम लोगों से बात करते थे व उनकी परेशानियों को दीवान-ए-आम में सुना करते थे |वह हिन्दू, मुसलमान, और ईसाई विद्वानों से दीवान-ए-खास में महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करते थे |
*अकबर के शासन का अंत*
🔰🔰🔰🔰
1605 में 63 वर्ष की आयु में अकबर रक्ततिसार (पेचिश) से बुरी तरह ग्रस्त हो गए जो ठीक नहीं किया जा सका और इसने अकबर का जीवन ले लिया | अकबर को सम्मानपूर्वक तरीके से आगरा के किले में दफ़ना दिया गया |
//////
☝️ ☝️ ☝️ ☝️ ☝️ ☝️ ☝️ ☝️
♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️♻️
🔷🔷🔷🔷🔷🔷🔷
*राजस्थान की लोकदेवीविशेष🌞*
*28 दिसम्बर 2016
💐💐💐💐💐
*राजस्थान की लोकदेवीयाँ*
*1.बाड़मेर-👉विरात्रा मातवांकल माता:मंदिर:चौहटन भोपों की कुल देवी*
*2.जालौर-(1)👉सधा माता*
*👉:मंदिर:-भीनमाल,सुंधा/सुगधादरी पर्वत पर चामुंडा माता का मंदिर*
*-👉चामुंडा माता को सुंधा पर्वत के नाम पर सुंधा माता कहने लगे।*
*👉राजस्थान का प्रथम रोप वे सुंधा माता मंदिर पर है।*
*(2.)आशापुरा माता या महोदरी माता:-मंदिर:👉मोदरा(जालौर)*-
*👉बड़े उदर वाली माता के नाम से विख्यात*
*👉जालौर के चौहान शासकों की कुल देवी*
*3.सिरोही-(1)अर्बुदा देवी/अधर देवी:👉मदिर:माउंट आबू*
*👉राजस्थान की वैष्णो देवी*
*राजस्थान का सबसे ऊँचाई पर मंदिर*
*(2).सीमल माता/क्षमकरी/खीमल माता:मंदिर-👉 वसंतगड मे स्
Sandeep Yadav, [30.12.16 17:52]
थित*
*👉निर्माण:विक्रम सवंत 682 मे*
*👉कषमकरी माता को ही खीमल माता कहते है।*
*4.पाली:👉(1)सुगाली माता:👉:आउवा (पाली) के ठाकुरो (चम्पावतो) की कुल देवी*
*👉सगाली माता के काले पत्थरो की मूर्ति के म्यूजियम मे रखी हुई है।*
*(2):मगर मंडी माता :(निमाज, जैतारण)*
*(3):आशा पूरा माता:नाड़ोल.*
*5.राजसमन्द:(1).घेवर माता -मंदिर:राजसमन्द की पाल*
*(2).ऊनवास की पिप्लाद माता:मंदिर:👉हल्दी घाटी के निकट ऊनवास गांव में*
*(3).चारभुजा देवी:मंदिर:👉खमनोर मे*
*6चितोड़गड:(1): बडली माता :मंदिर छिपो का अकोला में बेड़च नदी के किनारे*
*(2).आवरी माता या आसावरी माता:👉निकुम्भ में यह शक्ति पीठ शारीरिक व्याधियो के निवारण के लिए प्रसिद्ध है*
*(3).कालिका माता:मंदिर 👉चितौड़ गड दुर्ग मे*
*(4).तुलजा भवानी:मंदिर👉चितोड गड दुर्ग मे👉 छत्र पति शीवाजी के वंश की कुल देवी*
*(5)वटयइक्षनी देवी /झांतला माता/राठासण देवी:👉मदिर:राष्ट्र शयेना देवी को अपभ्रंश में राठासण देवी कहा जाता है।*
*(6).बिरवडी माता::मंदिर 👉चितौड़ गड दुर्ग मे*
*(6).बूंदी:(1).इन्दर माता/बीजासण माता:मंदिर👉इदरगढ़*
*(2).सथूर माता :मंदिर👉सथूर*
*(7). भीलवाड़ा:(1).बदनोर की कुशाल माता:मंदिर👉बदनोर(भीलवाड़ा)*
*👉राणा कुम्भा ने 1457 ई.के युद्ध मे महमूद खिलजी को पराजित कर इस विजय की याद मे यह मंदिर बनवाया।*
*(2).जोगनिया माता(अन्नपूर्णा माता)👉भीलवाड़ा*:
*(3).धनोप माता:👉राजाधुन्ध की कुल देवी:भीलवाड़ा*
*(8).जयपुर:(1).शीला देवी:👉कछवाहा राजवंश की कुल देवी*
*👉परमुख स्थान-आमेर, जयपुर*
*(2).शीतला माता:👉परमुख स्थान-शील की डुंगरी, चाकसू(जयपुर)*
*👉चचक की देवी के रूप मे प्रसिद्ध*
*👉अन्य नाम-सेढल माता या महामाई*
*(3).छींक माता:मंदिर👉गोपालजी का रास्ता(जयपुर)*
*(4).जमुवाय माता:स्थान:👉जमुवा रामगढ(जयपुर)*
*👉कछवाहो की कुलदेवी*
*👉अन्नपूर्णा नाम से भी प्रसिद्ध*
*जमुवाय माता के अन्य मंदिर:👉भोड़की(झुझुनु),महरोली एवं मादनी मंढा(सीकर)एवं भूनास( नागौर)*
*(5).सांभर की शाकम्भरी माता:👉चौहान वंश की कुल देवी*
*👉साभर की अधिस्टात्रि देवी*
*(6).ज्वाला माता:मंदिर👉जोबनेर*
*👉कछवाह वंश की शाखा खंगारोत शासको की कुल देवी*
*(7).नकटी माता:मंदिर👉जय भवानीपुरा गॉंव(जयपुर)*
*(9).अलवर:(1).नारायणी माता या करमेती माता: मंदिर 👉राजगढ तहसील मे बरवा डुंगरी मे।*
*(2).जीलानी माता:मंदिर👉बहरोड़ कस्बे मे।*
*(3).धोलागड माता:मंदिर👉कठूमर मे धौलागिरी पर्वत पर*
*👉गौड़ ब्राह्मण वंश की कुल देवी*
*(10).नागौर:(1).दधिमाता :मंदिर👉 नागौर जिले के गोठ और मांगलोद गांवों के मध्य स्थित*
*👉दधिच ब्राह्मण समाज की कुल देवी*
*(2).कैवाय माता:मंदिर👉परबरतसर तहसिल के किनसरिया गाँव मे*
*(3).भावल माता:नागौर*
*(11).भरतपुर:राजेश्वरी देवी:मंदिर👉भरतपुर के जाट वंश की कुल देवी*
*(12).कैलादेवी-करौली*
💐💐💐💐💐💐
*राजस्थान के विभिन्न राजवंश की कुल देविया*,,👇👇
*1.मेवाड़ के गुहिल: 👉बाण माता*
*2.जोधपुर के राठौड़:👉नागणेची माता*
*3.अजमेर के चौहान:👉जीणमाता*
*4.जालौर के चौहान:👉आशापुरा माता(जालौर)*
*(5).सांभर के चौहान:👉शाकंभरी माता(सांभर)*
*(6).करौली के यादव:👉कलादेवी*
*(7).गुर्जर प्रतिहार:चामुंडा माता*
https://www.facebook.com/rdseducation

Comments
Post a Comment