IMPORTANT GK CURRENT AFFAIR 16 January 2017(Monday)

 IMPORTANT GK CURRENT AFFAIR 16 January 2017(Monday)


➡1.भारत एनएसजी के लिए परफेक्ट पर चीन डाल रहा है अडंगा : निशा देसाई बिस्वाल

• अमेरिका के निवर्तमान ओबामा प्रशासन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह का सदस्य बनने की भारत की मुहिम में रोड़े अटकाने के लिए चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कम्युनिस्ट देश नई दिल्ली के प्रयास में ‘‘अवरोधक’ की तरह काम कर रहा है।
• दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेशमंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, स्पष्ट रूप से एक अवरोधक है जिसका निदान करने की जरूरत है और वह चीन है। उनका यह बयान उस वक्त आय है जब कुछ दिन बाद ही ओबामा प्रशासन का कार्यकाल खत्म हो जाएगा और ट्रंप प्रशासन की शुरुआत होगी। अधिकारियों का कहना है कि चीनी प्रतिरोध की वजह से भारत एनएसजी का सदस्य नहीं बन सका।
• एनएसजी में सहमति के आधार पर फैसला होता है। निशा ने कहा, राष्ट्रपति ओबामा अपने इस विास को लेकर पूरी तरह स्पष्ट रहे हैं कि भारत एनएसजी के लिए पात्रता रखता है और अमेरिका इस समूह में भारत के प्रवेश का समर्थन करता है।
• उन्होंने कहा, हमने एनएसजी में भारत के आवेदन का समर्थन करने के लिए भारत के साथ बहुत निकटता से काम किया, लेकिन हमने यह भी पाया कि वहां कुछ चिंताएं बनी हुई, कुछ आपत्तियां हैं जिनको एनएसजी के कुछ सदस्यों ने प्रकट किया है और इनको लेकर काम करने की जरूरत है।
• ओबामा प्रशासन की इस पदाधिकारी ने कहा, हमारा मानना है कि हमने इस पर ठोस प्रगति की है और जब हम नए प्रशासन को कार्यभार सौंपेंगे तो आगे बढ़ने का मार्ग उपलब्ध होगा। स्पष्ट रूप से एक अवरोधक है जिसका निदान करने की जरुरत  है और वह चीन है।

➡️2. ई-कचरा एशिया  के लिए खतरा : यूएन

• संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन में कहा गया है कि पूरे एशिया में इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि उच्च आय वाले करोड़ों लोग स्मार्टफोन और दूसरे गजट खरीद रहे हैं और इन अपशिष्ट से मानवीय स्वास्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
• यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी की इस रिपोर्ट के अनुसार एशिया में पिछले पांच वर्षो में तथाकथित ई-अपशिष्ट 63 फीसदी बढ़ गया और इस क्षेत्र के देशों को पुनर्चक्र ण और निस्तारण की व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है।रिपोर्ट के सह-लेखक यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी के सस्टेनेबल साइकिल प्रोग्राम रूएडिगर कुएर ने कहा, पर्यावरण के लिहाज से बुनियादी ढांचे की कमी वाले कई देशों के लिए ई-अपशिष्ट की बढ़ती मात्रा चिंता का विषय है।
• इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 से 2015 के दौरान चीन ने अपना ई-अपशिष्ट दोगुना कर दिया। इसके अनुसार चीन के अलावा सिंगापुर और ताइवान भी सर्वाधिक ई-अपशिष्ट पैदा करने वाले देशों में शामिल हैं।

➡️3. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में गूंजेगा नोटबंदी का मुद्दा

• बर्फ की चादर ओढ़े स्विट्जरलैंड का खूबसूरत रिजॉर्ट दावोस दुनिया की सबसे दौलतमंद और ताकतवर शख्सीयतों की मेजबानी को तैयार है। सोमवार से यहां पांच दिवसीय वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक का शुभारंभ होगा।
• भारत सहित 100 से ज्यादा  मुल्कों के 3000 प्रतिनिधि इस बैठक में हिस्सा लेंगे। इनमें 1200 सीईओ होंगे। भारत से भी 100 से ज्यादा  प्रतिनिधि इसमें शिरकत करेंगे। ये सभी इस दौरान ग्लोबल इकोनॉमी व जवाबदेह और जिम्मेदार नेतृत्व की जरूरत पर चर्चा करेंगे।
• खास बात यह है कि मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला चर्चा के अहम विषय में होगा। साथ ही अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में डी-ग्लोबलाइजेशन के डर पर भी बातचीत होगी।
• डब्ल्यूईएफ की बैठक में भारत पर एक विशेष सत्र का आयोजन होगा। इसमें पैनलिस्ट देश के भ्रष्टाचार विरोधी और टैक्स सुधार संबंधी कार्यक्रमों पर चर्चा करेंगे। इस दौरान भारत का पूरा जोर यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (ईएफटीए) के तहत मुक्त व्यापार समझौतों को नतीजे तक पहुंचाने पर होगा।
• सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और डीआइपीपी के सचिव रमेश अभिषेक नेतृत्व करेंगे।
• टाटा ग्रुप के नए प्रमुख एन चंद्रशेखरन भी बैठक में रहेंगे। इस दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें होंगी। गडकरी और सीतारमण स्विट्जरलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री जोहान एन श्नाइडर-अम्मान से मुलाकात करेंगे।
• डब्ल्यूईएफ की 47वीं बैठक में ठंड का प्रकोप दिखाई देगा। अगले पांच दिनों में यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 20 डिग्री नीचे तक पहुंचने के अनुमान हैं।
• यह बैठक दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ जारी जंग के बीच हो रही है। संयोग से यह उसी दिन खत्म होगी जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पदभार संभालेंगे।
• चीन, पाक के प्रमुख होंगे मौजूद : अनुमान है कि इस समिट में 300 लोकप्रिय हस्तियों के साथ विभिन्न देशों के 50 से ज्यादा  प्रमुख पहुंचेंगे।

 चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अलावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन टिड्यू, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना, साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा भी मौजूद होंगे।

➡️4. विफलता के बाद जापान ने मिनी रॉकेट प्रोजेक्ट रोका

• जापान ने सेटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रविवार को सबसे छोटे रॉकेट का इस्तेमाल किया। रॉकेट दागने का पहला चरण सफल रहा, लेकिन उसके बाद रॉकेट से किसी तरह का डेटा मिलने के कारण महज 20 सैकंड बाद जापानी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपना यह अभियान रोक दिया।
• रॉकेट बाद में दक्षिण पूर्वी जापान के तट के पास निर्धारित जगह पर गिरकर नष्ट हो गया। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) ने एक बयान में यह जानकारी दी।
• उसके मुताबिक दक्षिणी जापान के उचीनौरा अंतरिक्ष केंद्र से एसएस-520 नामक मिनी रॉकेट रविवार सुबह 8:33 बजे छोड़ा गया था। इससे डेटा मिलने कारण अभियान बंद कर दिया गया।
• इस रॉकेट की लंबाई 10 मीटर (35 फुट), व्यास 50 सेंटीमीटर (20 इंच)था। यह तीन किलो (6.6 पौंड) वजन वाले सेटेलाइट को ले जा रहा था जिसकी लंबाई महज 35 सेमी थी। यह पृथ्वी तथा अन्य इलाकों की साफ तस्वीरें लेने में सक्षम था।
• यह रॉकेट 11 जनवरी को छोड़ा जाना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण इसे रविवार तक के लिए टाला गया था।

➡️5. विनिवेश का लक्ष्य हासिल कर पाना चुनौतीपूर्ण

• चालू वित्त वर्ष समाप्त होने में मात्र ढाई महीने शेष हैं लेकिन विनिवेश का लक्ष्य अभी तक आधा भी हासिल नहीं हुआ है। सरकार ने अगर आने वाले दिनों में विनिवेश की प्रक्रिया तेज नहीं की तो इस साल भी विनिवेश से राशि जुटाने के लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल होगा। बीते छह साल में एक भी वर्ष आम बजट में घोषित विनिवेश के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है।

• वर्ष 2016-17 में सरकार ने विनिवेश के माध्यम से 56,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें 36,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) में हिस्सेदारी बेचकर तथा 20,500 करोड़ रुपये रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री करके जुटाने की योजना है।

• हालांकि अब तक सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से 30,000 करोड़ रुपये जुटाने का कार्यक्रम सार्वजनिक किया है, जिसमें से 23,529 करोड़ रुपये ही खजाने में आ पाए हैं। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने जिन सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश किया है उनमें एनबीसीसी, एनएचपीसी और एचसीएल प्रमुख हैं। इसके अलावा एलएंडटी में सूटी (एसयूयूटीआइ) की हिस्सेदारी रणनीतिक तरीके से बेचकर 2,096 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

• वैसे, वित्त मंत्रलय के सूत्र अब भी आशान्वित हैं। उन्हें लगता है कि 31 मार्च आते-आते सरकार चालू वित्त वर्ष के विनिवेश के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। लक्ष्य को हासिल करना इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल सरकार सामाजिक विकास की योजनाओं के लिए करती है।

• सरकार ने विनिवेश की प्रक्रिया तेज करने के इरादे से सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनपीसीसी), प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया (पीडीआइ) और पवन हंस में रणनीतिक हिस्सेदारी बेचकर धनराशि जुटाने की योजना बनाई है।

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